राजनीति और सरकार में अब बदलाव नहीं हुआ तो कभी नहीं होगा: रजनीकांत

नई दिल्ली। दक्षिण भारत से सूपरस्टार रजनीकांत ने चेन्नई में एक भाषण में कहा कि मैंने मुख्यमंत्री के पद के बारे में कभी भी नहीं सोचा। मैं सिर्फ राजनीति बदलना चाहता था। उन्होंने कहा कि हमारी राजनीति में दो ही दिग्गज हुए हैं एक जयललिता और दूसरा कलाईगनर । लोगों ने इनके लिए वोट किया लेकिन अब सब कुछ शून्य है। अब हमें बदलाव लाने के लिए हमें नया आंदोलन छेड़ना पड़ेगा रजनीकांत ने कहा कि अगर अभी राजनीति और सरकार में बदलाव नहीं हुआ तो कभी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि वे अपनी राजनीतिक पार्टी में युवाओं को अवसर देंगे। उन्होंने कहा, %साल 1996 में जब मैं 45 साल का था, मैंने मुख्यमंत्री पद के लिए इनकार कर दिया था। %पार्टी नेतृत्व और सरकार के प्रमुखों के अलग होने की आवश्यकता पर जोर देते हुए रजनीकांत ने कहा, 'पार्टी नेतृत्व, और सरकार के प्रमुख अलग- अलग होने चाहिए।%बता दें कि कयास लगाए जा रहे हैं कि रजनीकांत जल्द राजनीति में आएंगे और तमिलनाडू विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। हालांकि उन्होंने खुद इसपर कोई टिप्पणी नहीं की है। कुछ माह पहले रजनीकांत को अपने घर पर कुछ नेताओं के साथ सीएए और एनपीआर पर चर्चा करते देखा गया था। उन्होंने ये भी कहा था कि सीएए से एक भी मुस्लिम के प्रभावित होने पर वे सबसे पहले आवाज उठाएंगे। 31 दिसंबर 2017 को चेन्नई में जनता को संबोधित करते हुए रजनीकांत ने राजनीति में आने के संकेत दिए थे। शरुआत में उन्होंने अपने अनऔपचारिक फैन क्लब को रजनी मक्कल मंद्रम में बदल दिया था जिसे उनकी नई राजनीतिक पार्टी का आधार माना जा रहा था। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की ओर से आयोजित कराए जाने वाले इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) पर रोक लगाने का मामला गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने वकील और याचिकाकर्ता मोहन बाबू अग्रवाल को नियमित पीठ में याचिका दाखिल करने को कहा है। याचिककर्ता ने कोरोन वायरस के कारण इंडियन प्रीमियर लीग को स्थगित करने की मांग की थी। वहीं बीसीसीआई सूत्रों ने कहा कि 15 देशों का वीजा रद्द होने के चलते कोई भी विदेशी खिलाड़ी 15 अप्रैल तक इस टूर्नामेंट में नहीं खेलेगा।आपको बता दें कि 29 मार्च से 24 मई तक खेले जाने वाले इस टूर्नामेंट पर कोरोना की मार पड़ने के आसार हैं। इस पर रोक लगाने के लिए मद्रास हाईकोर्ट में भी एक अर्जी दी गई है। केरल हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल करने वाले वकील जी. एलेक्स बेनजीगर ने एक याचिका दाखिल की है। जस्टिस एमएम सुधींद्र और कृष्णन रामास्वामी की खंड पीठ इस पर गुरुवार को सुनवाई कर सकती है। याचिकाकर्ता का कहना है कि डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट के मुताबिक, अब तक कोरोना वायरस को लेकर कोई खास दवाई या इसके खतरे से बचाव का इलाज मौजूद नहीं है। यह पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है और यह एक महामारी जैसी स्थिति बना रहा है। महाराष्ट के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को कहा कि राज्य में कोरोना की स्थिति को देखते हुए सरकार के पास दो ही विकल्प हैं। पहला आईपीएल मैचों को स्थगित करना और दूसरा बिना टिकटों की बिक्री के मैचों का आयोजन कराना। उनका यह बयान राज्य में दो लोगों में संक्रमण की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद आया है। राज्य सरकार के सूत्रों ने कहा, टिकटों की बिक्री न होना तय है।